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जहाँ देवी माँ स्वयं करती हैं कष्टों का निवारण – नवरात्रि पर ज़रूर जाएँ | A Sacred Place Where Sorrows Vanish by Maa’s Grace

Published On: September 23, 2025
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देवी माँ
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देवी माँ

भारत में ऐसे कई पवित्र मंदिर हैं जहाँ श्रद्धालुओं का विश्वास है कि देवी माँ स्वयं उनके दुखों और कष्टों का निवारण करती हैं। हर साल नवरात्रि और अन्य शुभ अवसरों पर इन मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। दूर-दूर से लोग यहाँ सिर्फ दर्शन करने ही नहीं, बल्कि अपने दुख-दर्द दूर करने और आशीर्वाद पाने के लिए आते हैं। भक्तों की अटूट आस्था है कि देवी माँ अपनी कृपा से उनके जीवन की सभी बाधाएँ दूर कर सुख और शांति प्रदान करती हैं।

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1. मनसा देवी मंदीर

उत्तराखंड के पवित्र नगर हरिद्वार में स्थित मनसा देवी मंदिर, शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी में बसे बिल्वा पर्वत पर विराजमान है। यह मंदिर देवी मनसा को समर्पित है, जिन्हें सर्पों की देवी और मनोकामनाएँ पूर्ण करने वाली शक्ति के रूप में पूजा जाता है। भक्तों का विश्वास है कि यहाँ सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य पूर्ण होती है।

मनसा देवी मंदिर न केवल अपनी आस्था और चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह भारत के प्राचीन और विख्यात सिद्धपीठों में से एक माना जाता है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहाँ आकर देवी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने दुखों व कष्टों से मुक्ति की कामना करते हैं।

2. हरसिध्धि मंदीर

मध्य प्रदेश के पवित्र शहर उज्जैन में स्थित हरसिद्धि मंदिर देवी हरसिद्धि को समर्पित एक प्रमुख तीर्थस्थल है। देवी हरसिद्धि के कई मंदिर भारत में पाए जाते हैं, जिनमें उज्जैन और गुजरात के राजपिपला स्थित मंदिर सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। यह मंदिर माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी स्थान पर माता पार्वती की कोहनी गिरी थी। इसीलिए यह स्थल अत्यंत श्रद्धा और आस्था का केंद्र है।

मंदिर परिसर में माता अन्नपूर्णा की एक विशेष मूर्ति स्थापित है, जिसे सिंदूरी रंग से अलंकृत किया गया है। यह प्रतिमा भक्तों को माँ की कृपा और अन्नपूर्णा स्वरूप का सजीव अनुभव कराती है।

हरसिद्धि मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उज्जैन के आध्यात्मिक वातावरण को और भी भव्य बनाता है। नवरात्रि और अन्य पर्वों पर यहाँ भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है, जब पूरा मंदिर परिसर दीपों और श्रद्धा की आभा से जगमगाने लगता है।

3. कामाख्या देवी मंदीर

भारत के प्रमुख और प्राचीन मंदिरों में से एक कामाख्या देवी मंदिर असम की राजधानी गुवाहाटी में नीलांचल पर्वत पर स्थित है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि तांत्रिक साधना के लिए भी विशेष प्रसिद्ध है। पौराणिक कथा के अनुसार, माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक यह स्थान वह स्थल है जहाँ उनकी योनि गिरी थी। इसी कारण यह मंदिर स्त्री शक्ति और सृजनात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।

कामाख्या देवी मंदिर की सबसे अनोखी विशेषता यह है कि यहाँ देवी की कोई मूर्ति स्थापित नहीं है। इसके स्थान पर एक प्राकृतिक चट्टान से बनी योनि-आकृति की पूजा की जाती है, जिस पर निरंतर एक झरने का जल प्रवाहित होता रहता है। यही स्वरूप माता की शक्ति और सृजन का प्रतीक माना जाता है।

यह मंदिर न केवल श्रद्धालुओं, बल्कि तांत्रिक साधकों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। हर वर्ष यहाँ अंबुबाची मेला का आयोजन होता है, जिसमें हजारों भक्त और साधक देवी के दिव्य स्वरूप का दर्शन करने पहुँचते हैं।

4. कालीघाट मंदीर

कोलकाता में स्थित कालीघाट मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन हिंदू मंदिरों में से एक है, जो मां काली को समर्पित है। यह मंदिर माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है और अत्यधिक पवित्र स्थल के रूप में श्रद्धालुओं के बीच विशेष स्थान रखता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी स्थान पर माता सती के दाहिने पैर की उंगलियाँ गिरी थीं। तभी से यह स्थल शक्ति उपासना का प्रमुख केंद्र बन गया और यहाँ देवी काली की पूजा विशेष रूप से की जाती है।

कालीघाट मंदिर की एक और विशेषता इसकी प्राचीन परंपराएँ हैं। यहाँ आज भी पारंपरिक रिवाजों के अनुसार बकरे की बली दी जाती है, जिसे देवी काली को अर्पित करने का प्राचीन स्वरूप माना जाता है। हालाँकि, इसके साथ ही मंदिर में भक्त जन माँ काली को फूल, लाल चुनरी और मिठाइयाँ भी अर्पित करते हैं।

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नवरात्रि और काली पूजा के अवसर पर यह मंदिर भव्य सजावट और अनगिनत भक्तों की भीड़ से जगमगाने लगता है। आस्था, परंपरा और शक्ति का अद्भुत संगम होने के कारण कालीघाट मंदिर न केवल बंगाल, बल्कि पूरे भारत के भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है।

1. नवरात्री के समय यहा दर्शन करने का क्या विशेष महत्त्व होता है?

नवरात्री के नौ दिनों में माँ दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है माना जाता है नवरात्री के पावन दिनों में माँ की विशेष कृपा मानी जाती है और कहते है नवरात्री में दर्शन करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है.

2. क्या इन मंदिरों तक पहुचने के लिए यात्रा सुविधाएँ उपलब्ध है?

हां, इन मंदिरों तक पहुचने के लिए रेल, सड़क मार्ग की सुविधाएँ है व कुछ मंदिरों तक हवाई मार्ग से भी आसानी से पंहुचा जा सकता है. स्थानीय प्रशाशन और मंदीर समिति नवरात्री में विशेष यात्राएं सुविधा देती है.

3. क्या इन मंदिरों में ऑनलाइन दर्शन और लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा उपलब्ध है?

कुछ मन्दीर समितियां अब ऑनलाइन दर्शन और लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा भी देती है जिससे भक्त दूर बैठकर भी माँ के दर्शन का सके.

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