गणपति मंदिर
भक्तों की मान्यता है कि भगवान गणपति देश के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों में आज भी सच्चे मन से की गई प्रार्थनाओं को सुनते हैं। भारतीय संस्कृति में लोग जितनी रुचि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में रखते हैं, उतनी ही रुचि धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-पाठ में भी दिखाई देती है। गणपति जी के कई प्रसिद्ध मंदिर ऐसे हैं, जहाँ श्रद्धालु अपने दुःख और परेशानियों को दूर करने के लिए आकर भक्ति और विश्वास के साथ प्रार्थना करते हैं।
1. खजराना गणेश मंदिर (इंदौर)
खजराना गणेश मंदिर हिन्दुओं के लिए एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जिसका निर्माण 1735 में मराठा वंश की रानी अहिल्याबाई होलकर ने करवाया था। माना जाता है कि इस मंदिर में श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। मंदिर के गर्भगृह की बाहरी दीवारें और छत चांदी से निर्मित हैं, और भगवान गणेश जी की आँखों में हीरे जड़े हुए हैं। इस मंदिर में विशेष रूप से बुधवार और रविवार को भक्तों की भारी भीड़ रहती है, जो इसकी धार्मिक महिमा और आस्था को दर्शाती है।
गणपति के स्वागत में सजती है ये जगहें दुल्हन की तरह
गणपति का स्वागत होता है इन शहरों में धूमधाम से
2. त्रिनेश गणेश मंदिर (रणथंभोर)
त्रिनेत्रेश गणेश मंदिर राजस्थान में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो सवाई माधोपुर जिले के रणथंभोर किले के भीतर स्थित है। इस मंदिर को भगवान गणेश के तीसरे नेत्र और उनके ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। यह भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहाँ भगवान गणेश अपने पूरे परिवार के साथ विराजमान हैं। हर साल यहाँ लाखों श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन और आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं, जो इस मंदिर की महिमा और आस्था को दर्शाता है।

3. सिद्धिविनायक मंदिर (मुंबई)
श्री सिद्धि विनायक मंदिर, मुंबई का एक प्रसिद्ध और धनी गणेश मंदिर है, जो प्रभादेवी क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर की स्थापना 19 नवंबर 1801 को हुई थी। इसे नवसाचा गणपति के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि श्रद्धालुओं का विश्वास है कि यहाँ भगवान गणेश उनकी मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं। मंदिर के गर्भगृह की छत सोने से ढकी हुई है, जो इसकी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व को और बढ़ाती है।
4. दगडूसेठ हलवाई गणपति मंदिर (पुणे)
यह पुणे में स्थित एक प्रसिद्ध गणेश मंदिर है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति 7.5 फुट ऊँची और 4 फुट चौड़ी है, जो सोने के भव्य आभूषणों से सजाई गई है। इसमें 8 किलो सोने से निर्मित मुख और 9 किलो से अधिक वजन का मुकुट शामिल है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इसे सामाजिक और सांस्कृतिक विकास का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी माना जाता है।

1. इन गणपति मंदीर को चमत्कारी मंदीर क्यों कहा जाता है?
भक्तों का मानना है इन मंदिरों में सच्चे मन से की गयी प्राथना अवश्य पूर्ण होती है.
2. क्या इन मंदिरों में ऑनलाइन दर्शन या पूजा की व्यवस्था होती है?
हां बिल्कुल, कई मंदिरों ऑनलाइन दर्शन या पूजा की व्यवस्था होती है. कृपया किसी भी जानकारी के लिए वेबसाइट पर चेक करें.
3. मंदीर के दर्शन के लिए सबसे अच्छा समय कोन सा होता है?
सुबह के 6 बजे से 11 बजे तक और शाम के 4 बजे से 9 बजे तक दर्शन करना चाहिए. बुधवार और गणेश चतुर्थी के दिन भीडभाड होती है.









