गणपति
गणपति महोत्सव पूरे देश में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दौरान श्रद्धालुओं से भरा जीवंत और भक्तिमय वातावरण देखने को मिलता है। विशाल पंडालों की भव्य सजावट, संगीतमय कार्यक्रम, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और भक्तों की उमड़ी श्रद्धा इस त्यौहार को और भी विशेष बना देती हैं। गणपति उत्सव देश के विभिन्न राज्यों में धूमधाम और जोश के साथ मनाया जाता है, और इसे अनुभव करने के लिए कुछ प्रमुख स्थानों पर अवश्य जाना चाहिए।
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1. गुजरात
गुजरात में गणपति उत्सव गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है, जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव का प्रतीक है और 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान राज्य में गणपति की भव्य मूर्तियों को घरों और पंडालों में स्थापित किया जाता है। उत्सव के समय विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिसमें आरती, पूजा और स्वादिष्ट चूरमे के लड्डू का भोग शामिल होता है। अहमदाबाद, सूरत और गुजरात के अन्य प्रमुख शहरों में यह त्यौहार अत्यधिक धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

2. बैंगलोर
बैंगलोर में गणेश चतुर्थी को भव्य उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह एक सांस्कृतिक पर्व है जिसमें भगवान गणेश के जन्मोत्सव को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। पूरे शहर में पूजा, आरती और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से यह उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। विशेष रूप से बैंगलोर में एक बड़ा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जिसमें पारंपरिक और कलात्मक प्रदर्शन होते हैं। यह उत्सव मुख्य रूप से बसवनगुडी के एपिएस कॉलेज ग्राउंड और श्री विद्याशरण युवा संध में आयोजित किया जाता है, जहां भक्त और पर्यटक दोनों इसका आनंद लेने आते हैं।
3. हैदराबाद
हैदराबाद में गणेश चतुर्थी का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है जहा भक्त गणेश की भव्य प्रतिमाएं स्थापित करते है. यहा विभिन पंडालों और मंदिरों में आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को आयोजित किया जाता है और ये त्यौहार दस दिन के बाद इन मूर्तियों का विसर्जन हुसैन सागर झील में किया जाता है. हैदराबाद के खेरताबाद में बड़ी और कलात्मक गणपति की प्रतिमाएं स्थापित की जाती है.

4. मुंबई
मुंबई में गणेश चतुर्थी बड़े ही धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है, जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव का प्रतीक है। इस दौरान पूरा शहर रंगों, संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जीवंत हो उठता है। 10 दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार में घरों और भव्य पंडालों में गणपति की मूर्तियों की स्थापना की जाती है, और मंत्रोच्चार के साथ प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। मुंबई की लालबागचा राजा जैसी प्रसिद्ध विशाल प्रतिमाओं को देखना इस उत्सव का खास आकर्षण है, जो हर दर्शक को अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है।
1. क्या इन स्थानों पर जाने के लिए टिकट की आवश्यकता होती है?
अधिकांश गणपति पंडाल में प्रवेश निशुल्क होता है और कुछ स्थानों पर VIP दर्शन या विशेष सुविधा के लिए पास या टिकट होते है.
2. क्या इन जगहों पर जाने के लिए कोई विशेष नियम या गाइडलाइन्स होती है?
हां, भक्तों की सुरक्षा और व्यवस्था को बनाएं रखने के लिए कुछ नियम लागु हो सकते है जैसे मास्क पहनना, लाइन में रहना, मोबाइल कैमरा प्रतिबंधित आदि.
3. क्या बच्चों और बुजुर्गो के लिए कोई विशेष सुविधा होती है?
बड़े पंडालों में बुजुर्गो और बच्चों के लिए विशेष लाइन, बेठने की जगह और मेडिकल जैसी सुविधाएं उपलब्ध होती है.













