नवरात्रि
नवरात्रि का पावन पर्व देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पर्व केवल उपवास और पूजा का ही नहीं, बल्कि श्रद्धा और उत्साह से भरे गरबा और भजन कीर्तन का भी प्रतीक है। नवरात्रि के दौरान भक्त माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं, मंत्रोच्चार करते हैं और नृत्य-गीतों के माध्यम से अपनी आस्था प्रकट करते हैं।
इस नवरात्रि, माँ दुर्गा की विशेष कृपा पाने के लिए उनके इन प्रसिद्ध मंदिरों में दर्शन अवश्य करें। दिल्ली के विभिन्न देवी मंदिरों में इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। दूर-दराज से आए भक्त अपनी हर मनोकामना पूरी होने की आशा और माँ के आशीर्वाद की कामना लेकर यहाँ पहुँचते हैं।
जहां देवी माँ स्वयं करती है भक्तों के कष्टों का निवारण
इन मंदिरों में दर्शन करने से दूर होते है भक्तों के रोग, क्लेश दूर
1. छतरपुर मंदीर में माँ कात्यायनी का भव्य धाम
दिल्ली के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र की बाहरी सीमा पर स्थित छतरपुर का भव्य माँ कात्यायनी मंदिर श्रद्धा और आस्था का अद्भुत केंद्र है। यह मंदिर देवी दुर्गा के छठे स्वरूप माँ कात्यायनी को समर्पित है। इसकी वास्तुकला उत्तर भारतीय शैली और आधुनिक तत्वों का अनूठा संगम है, जिसमें सफेद संगमरमर पर की गई बारीक नक्काशी मंदिर की भव्यता को और भी विशेष बनाती है।

नवरात्रि के पावन अवसर पर यहाँ श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ती है। दूर-दराज़ से आए भक्त माँ कात्यायनी के चरणों में पूजा-अर्चना कर अपनी मनोकामनाएँ व्यक्त करते हैं और माँ के दिव्य आशीर्वाद की प्राप्ति करते हैं।
2. झंडेवालान मंदीर
दिल्ली के करोल बाग स्थित झंडेवाला मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित एक प्राचीन और महत्वपूर्ण सिद्धपीठ है। यह मंदिर अपनी मनोकामना पूर्ण करने वाली शक्ति के लिए विख्यात है और श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का केंद्र माना जाता है। इसका इतिहास 18वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है, जब यहाँ खुदाई के दौरान शक्ति देवी की एक प्राचीन मूर्ति प्राप्त हुई थी। तभी से यह स्थान भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र और पूजनीय बन गया।
आधुनिक सुविधाओं के साथ, यह मंदिर अब भक्तों को ऑनलाइन दर्शन की सुविधा भी प्रदान करता है। श्रद्धालु मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आसानी से दर्शन के लिए टिकट बुक कर सकते हैं और माँ झंडेवाली के आशीर्वाद का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
3. अक्षरधाम मंदीर
दिल्ली का प्रसिद्ध अक्षरधाम मंदिर, जिसे स्वामीनारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, यमुना नदी के किनारे स्थित एक अद्भुत और भव्य हिंदू मंदिर है। ‘अक्षरधाम’ शब्द का अर्थ है – ‘अक्षर’ अर्थात् शाश्वत और ‘धाम’ अर्थात् दिव्य निवास। इस दृष्टि से अक्षरधाम को भगवान का अनंत और पवित्र आवास माना जाता है।

आधुनिक भारतीय वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण, यह मंदिर अपनी भव्यता, सूक्ष्म नक्काशी और दिव्य आध्यात्मिक वातावरण के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। अक्षरधाम मंदिर न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के सबसे विशाल मंदिरों में से एक है, जिसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हो चुका है।
4. गुरुग्राम का दुर्गा माताजी मंदीर
गुरुग्राम में स्थित दुर्गा मंदिर नवरात्रि और दुर्गा पूजा के दौरान भव्यता और आस्था का विशेष केंद्र बन जाता है। यहाँ हर वर्ष शानदार दुर्गा पूजा पंडाल सजाए जाते हैं, जिनमें सेक्टर 47 और सेक्टर 56 के पंडाल प्रमुख माने जाते हैं। इन पंडालों में पारंपरिक बंगाली शैली की पूजा-अर्चना होती है, जो भक्तों को पूर्वी भारत की समृद्ध संस्कृति और धार्मिक परंपरा का अद्भुत अनुभव कराती है।इस दौरान श्रद्धालु न केवल माँ दुर्गा की पूजा में सम्मिलित होते हैं, बल्कि बंगाली व्यंजनों का स्वाद लेकर त्योहार की रौनक का आनंद भी उठाते हैं।
यह मंदिर मुख्यतः माता शीतला को समर्पित है, जिन्हें गुरुग्राम की कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है। आस्था, संस्कृति और भक्ति का संगम बना यह स्थान नवरात्रि और दुर्गा पूजा के समय विशेष रूप से देखने योग्य होता है।
1. नवरात्री में कौन कौन से प्रमुख देवी मंदिरों में भारी भीड़ लगी रहती है?
1. योगमाया मंदीर
2. छतरपुर मंदीर
3. कनोट प्लेस स्थित दुर्गा बाड़ी
4. श्री लक्ष्मी नारायण जी मंदीर
5. कालका मंदीर
2. क्या भक्त अपनी मन्नत पूरी करने के लिए इन मंदिरों में विशेष मन्नत मांगते है?
हां बिल्कुल, कई सारे भक्त नवरात्री में देवी माँ से मन्नत मांगते है और नौं दिन व्रत रखते है. भक्तों की मान्यता है की सच्ची श्रध्दा से की गयी प्राथना कबुल होती है.
3. क्या नवरात्री के दौरान इन मंदिरों में प्रसाद का वितरण होता है?
हां, इन मंदिरों में नवरात्री के समय में भक्तों को खीर, पूरी, हलवा और चने का प्रसाद दिया जाता है. कई मंदिरों में इस समय भंडारे आयोजित किये जाते है.










